Fraud with Haldiram Director (Image Credit-Social Media)
Fraud with Haldiram Director (Image Credit-Social Media)
हल्दीराम के डायरेक्टर के साथ धोखाधड़ी: भारत की प्रसिद्ध मिठाई और नमकीन निर्माता कंपनी हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल लिमिटेड के डायरेक्टर कमल अग्रवाल के साथ करोड़ों रुपये की ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मुंबई के चार व्यक्तियों ने एक नकली ड्रायफ्रूट कंपनी के माध्यम से उन्हें भारी रिटर्न का लालच देकर 9.38 करोड़ रुपये की ठगी की। आरोपियों ने झूठे दस्तावेज, फर्जी बैलेंस शीट और बनावटी साझेदारी प्रस्ताव के जरिए उन्हें विश्वास में लिया और धीरे-धीरे करोड़ों की राशि ट्रांसफर करवा ली। यह मामला नागपुर के कलमना पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है और पुलिस इसकी जांच कर रही है।
76% हिस्सेदारी का लालच
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने खुद को एक सूखे मेवे की कंपनी ‘रॉयल ड्रायफ्रूट प्राइवेट लिमिटेड’ से जोड़ा। उन्होंने कहा कि यदि कमल अग्रवाल 12.5 करोड़ रुपये का निवेश करते हैं, तो उन्हें कंपनी में 35% हिस्सेदारी दी जाएगी। इसके बाद बातचीत बढ़ी और झूठे दस्तावेजों, नकली बैलेंस शीट और बनावटी बिजनेस रिकॉर्ड के आधार पर उन्हें निवेश के लिए राजी किया गया।
असली दस्तावेजों की जांच में खुली पोल
कमल अग्रवाल को तब संदेह हुआ जब कंपनी की गतिविधियों में कोई स्पष्टता नहीं दिखी। उन्होंने सभी दस्तावेजों की स्वतंत्र जांच करवाई। जांच में पता चला कि कंपनी के सभी दस्तावेज, बैलेंस शीट और पार्टनरशिप एग्रीमेंट पूरी तरह से फर्जी थे। इस खुलासे के बाद उन्होंने तुरंत नागपुर के कलमना पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई।
सावधानी ही सुरक्षा है
यह मामला न केवल व्यापारिक जगत के लिए एक चेतावनी है, बल्कि आम निवेशकों के लिए भी एक सबक है। किसी भी बड़े निवेश से पहले उसकी पृष्ठभूमि, दस्तावेजों और कानूनी स्थिति की पूरी जांच करना बेहद आवश्यक है। केवल भारी रिटर्न के लालच में बिना जांच-पड़ताल किए पैसा लगाना भारी नुकसान का कारण बन सकता है।
निष्कर्ष
हल्दीराम जैसी प्रतिष्ठित कंपनी के डायरेक्टर के साथ इतनी बड़ी धोखाधड़ी यह दर्शाती है कि अपराधी कितने चालाक और योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। मुंबई के इन चार आरोपियों ने जिस तरह से एक फर्जी कंपनी के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की, वह कानून व्यवस्था और निवेश की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करता है। यह आवश्यक हो गया है कि निवेश से पहले पूरी जानकारी, साक्ष्य और कानूनी वैरिफिकेशन किया जाए ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके। पुलिस की कार्रवाई जारी है और उम्मीद की जा रही है कि आरोपियों को जल्द ही कड़ी सजा मिलेगी।
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